
सेवराईं (गाजीपुर)। भदौरा ब्लॉक के पचौरी गांव में ग्राम पंचायत स्तर पर बड़े वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। आरोप है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में नाला और खड़ंजा निर्माण के नाम पर ग्राम पंचायत द्वारा ₹3,73,397 रुपये का भुगतान तीन किस्तों में कराया गया, जबकि मौके पर कोई काम नहीं हुआ।
गांव निवासी मनोज कुमार कुशवाहा ने बताया कि ग्राम पंचायत ने कागजों पर बाला कुशवाहा के घर से क्रांति कुमार के बैठका तक नाला और खड़ंजा निर्माण दिखाकर करोड़ों रुपये हजम कर लिए। जांच में खुलासा हुआ कि पहली बार ₹86,784, दूसरी बार ₹1,63,743 और तीसरी बार ₹1,22,870 रुपये का भुगतान कराया गया।
ग्रामीणों का कहना है कि करीब 20 साल पहले तत्कालीन ग्राम प्रधान ने जो नाली और खड़ंजा बनवाया था, वह आज भी जस का तस है। इस वित्तीय वर्ष में किसी भी प्रकार का नया निर्माण नहीं हुआ। क्रांति कुमार ने भी साफ कहा कि उनके बैठका तक न तो नाला बना और न ही खड़ंजा।
ग्रामीणों ने आशंका जताई कि अगर पंचायत के सभी विकास कार्यों की जांच की गई, तो लाखों रुपये की वित्तीय अनियमितता उजागर होगी।
इस पूरे मामले पर ग्राम प्रधान के पति एवं प्रतिनिधि विनय कुमार गुप्ता ने सफाई देते हुए कहा कि “नाली का काम बगल में कराया गया है। आईडी लगाने के समय नाम गलत दर्ज हो गया, भूलवश ये त्रुटि हुई है।”
ग्राम पंचायत स्तर पर वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार का गंभीर मामला बताती है। यहाँ मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
मुख्य तथ्य
स्थान: पचौरी गांव, भदौरा ब्लॉक, सेवराईं क्षेत्र।
वित्तीय वर्ष: 2023-24।
घोटाले का आरोप:
बाला कुशवाहा के घर से क्रांति कुमार के बैठका तक नाला और खड़ंजा का कार्य कागजों में दिखाकर ₹3,73,397 का भुगतान तीन किस्तों में कराया गया।
पहली किस्त: ₹86,784
दूसरी किस्त: ₹1,63,743
तीसरी किस्त: ₹1,22,870
जमीनी हकीकत:
मौके पर कोई काम नहीं हुआ।
आज भी 20 साल पुराना नाला और खड़ंजा मौजूद है।
शिकायतकर्ता: मनोज कुमार कुशवाहा (गांव निवासी)।
ग्राम प्रधान का पक्ष:
नाली का काम बगल में हुआ है।
नाम गलत दर्ज हो गया, आईडी लगाने में भूल हुई।
संभावित निहितार्थ
यह मामला फर्जी बिलिंग और सरकारी धन के दुरुपयोग से जुड़ा है।
अगर सभी विकास कार्यों की जांच की जाए, तो लाखों रुपये के गबन का खुलासा हो सकता है।
ग्राम पंचायत में खुलेआम वित्तीय अनियमितता की शिकायत के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से जांच की मांग की है।